नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी ने भगवान राम को ‘पौराणिक पात्र’ कहे जाने को लेकर राहुल गांधी की रविवार को आलोचना की और कहा कि कांग्रेस नेता ने अपनी पार्टी का “हिंदू विरोधी चेहरा” उजागर कर दिया है। पिछले महीने अमेरिका के एक विश्वविद्यालय में परिचर्चा के दौरान राहुल ने हिंदू की परिभाषा को लेकर भाजपा के विचार को खारिज किया था और कहा था कि सभी महान भारतीय समाज सुधारकों और राजनीतिक विचारकों – ज्योतिराव फुले, वीआर आंबेडकर, महात्मा गांधी और यहां तक कि गुरु नानक, वसव और बुद्ध ने भी यही कहा था, “सभी को अपने साथ लेकर चलो, सत्य और अहिसा को अपनाओ ।”
कांग्रेस नेता ने कहा था, ‘मेरे लिए यह भारतीय परंपरा और इतिहास का आधार है। मैं भारत में एक भी ऐसे व्यक्ति को नहीं जानता, जिसे हम महान मानते हों, लेकिन वह इस प्रकार का हो। मै किसी के वारे में ऐसा नहीं सोच सकता। सभी पौराणिक पात्र हैं। भगवान राम उस समय के थे, जिसमें वह क्षमाशील थे, दयालु थे।’ राहुल ने यह टिप्पणी उस समय की, जव उनसे पूछा गया कि हिंदू राष्ट्रवाद के युग में धर्मनिरपेक्ष राजनीति किस प्रकार तैयार की जानी चाहिए।
राहुल की टिप्पणी पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने पूर्व कांग्रेस प्रमुख को ‘हिंदू विरोधी’ बताया और उनसे अपनी पार्टी का नाम बदलकर ‘हिंदू विरोधी कांग्रेस’ रखने को कहा। उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘राहुल गांधी वही व्यक्ति हैं, जिन्होंने कहा था कि कांग्रेस मुसलमानों की पार्टी है। वह पार्टी जिसने हिंदू आतंकवाद जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया, जो भगवान राम के अस्तित्व को नहीं मानती और जिसने अयोध्या में राम मंदिर न बनने देने के लिए हरसंभव प्रयास किया, उसका हिंदू विरोधी चेहरा आज देश के 100 करोड़ से अधिक हिदुओं के सामने उजागर हो गया है ।
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‘ भंडारी ने आरोप लगाया कि राहुल की टिप्पणी से पता चलता है कि वह हिंदू भावनाओं का सम्मान नहीं करते। उन्होंने कहा, ‘कोई व्यक्ति हिदुओं, सनातन धर्म और भगवान राम को जितना अधिक अपशव्द कहेगा, कांग्रेस में ऐसे व्यक्ति को पदोन्नति मिलने की संभावना उतनी ही अधिक होगी। ऐसा इसलिए है, क्योंकि राहुल गांधी और सोनिया गांधी मूलतः भगवान राम विरोधी और हिंदू विरोधी है।’ भंडारी ने कहा कि देश की जनता ने सनातन विरोधी लोगों, विपक्षी दलों के ‘इंडिया गठबंधन’ और राहुल गांधी को नकार दिया है तथा आगे भी ऐसा ही होता रहेगा।
भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुघ ने राहुल की टिप्पणी को ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ करार दिया और पूछा कि कांग्रेस नेता भगवान राम को ‘इतालवी’ नजरिये से कैसे समझ पाएंगे। उन्होंने कहा, ‘राहुल गांधी लगातार भारत की संस्कृति, इतिहास और इसकी महान हस्तियों का अपमान करते रहे है। देश के लोग भगवान राम के विरोधियों को सबक सिखाएंगे।’
भाजपा के आईटी प्रकोष्ठ के प्रमुख अमित मालवीय ने कहा कि राहुल और कांग्रेस को “दुनियाभर के अरवों हिदुओं की आस्था का उपहास उड़ाना ” बंद करना चाहिए। उन्होंने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “भगवान राम कोई पौराणिक पात्र नहीं है। वह भारत के मूल्यों, संस्कृति और आध्यात्मिक सार का प्रतीक है। वह ‘मर्यादा’, त्याग और धार्मिक नेतृत्व का प्रतीक है, जिसने हजारों वर्षो से हमारी सभ्यता को आकार दिया है। वह भारत की आत्मा है ।
मालवीय ने कहा, “राहुल गांधी और कांग्रेस को दुनियाभर के अरवों हिदुओं की आस्था का उपहास उड़ाना बंद करना चाहिए। उनके जैसे लोग और राजनीतिक दल आते-जाते रहेंगे, लेकिन भगवान राम हमेशा धर्म के शाश्वत प्रतीक और आने वाली पीढियों के लिए प्रेरणा बने रहेंगे।’ राहुल पर भगवान राम और हिदुओं का अपमान करने का आरोप लगाते हुए भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा कि कांग्रेस न केवल राष्ट्र विरोधी, वल्कि हिंदू विरोधी पार्टी भी वन गई है।
उन्होंने कहा, “राहुल गांधी का भगवान राम को पौराणिक पात्र कहना वही भाषा है, जिसका इस्तेमाल संप्रग (संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन) सरकार ने रामसेतु मामले में सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल करते समय किया था।’ पूनावाला ने कहा कि लोग कांग्रेस को उसकी ‘राम-विरोधी और हिंदू-विरोधी मानसिकता के लिए कभी माफ नहीं करेंगे।
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